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फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षण: जानें कब डॉक्टर से संपर्क करें (Lung Cancer Symptoms in Hindi)

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फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षण: जानें कब डॉक्टर से संपर्क करें (Lung Cancer Symptoms in Hindi)

फेफड़े का कैंसर फेफड़ों के ऊतकों में होने वाला कैंसर है, जो असामान्य कोशिका वृद्धि के कारण होता है। यह कैंसर विश्वभर में मृत्यु का प्रमुख कारण है और भारत में भी इसका खतरा तेजी से बढ़ रहा है। फेफड़े का कैंसर का सबसे बड़ा कारण धूम्रपान है, लेकिन यह गैर-धूम्रपान करने वालों को भी प्रभावित कर सकता है।

कई मामलों में, फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षण नजरअंदाज कर दिए जाते हैं, जिससे इलाज में देरी होती है। इस लेख में, हम lung cancer symptoms (In Hindi)पर विस्तार से चर्चा करेंगे, जिससे आप इस बीमारी के शुरुआती संकेतों को समझकर समय रहते डॉक्टर से संपर्क कर सकें।

शारीरिक लक्षण (Physical Symptoms)

फेफड़ों के कैंसर के लक्षण शुरुआत में हल्के हो सकते हैं, लेकिन समय के साथ गंभीर होते जाते हैं। यदि आप इन लक्षणों को लंबे समय तक महसूस करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

1. सांस लेने में कठिनाई

फेफड़ों का कैंसर फेफड़ों के ऊतकों में असामान्य वृद्धि के कारण होता है। फेफड़ों के अधिकांश कैंसर श्वसन प्रणाली को प्रभावित करते हैं, जिससे मरीज को सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है।

  • छोटी-छोटी गतिविधियों जैसे सीढ़ियां चढ़ना, तेज चलना या हल्का व्यायाम करने से सांस फूलने लगती है।
  • किसी प्रकार की फेफड़ों की पुरानी बीमारी न होने के बावजूद सांस लेने में लगातार समस्या बनी रहती है।
  • अगर यह लक्षण लंबे समय तक बने रहे, तो फेफड़ों के कैंसर की जांच कैसे होती है इस पर ध्यान देना चाहिए।

2. सीने में दर्द या असहज महसूस होना

फेफड़ों में कैंसर ट्यूमर बढ़ने के साथ-साथ आसपास के ऊतकों और नसों पर दबाव डाल सकता है।

  • यह दर्द छाती के किसी भी हिस्से में हो सकता है और कभी-कभी बांह या कंधे में दर्द भी हो सकता है।
  • सांस लेने, खांसने या हंसने के दौरान दर्द बढ़ सकता है।
  • फेफड़े का कैंसर फेफड़ों के ऊतकों में होने वाला कैंसर है, और इसकी वजह से दर्द सामान्य दर्द निवारक दवाओं से ठीक नहीं होता।

3. खांसी या खराब होती श्वास

  • यदि लगातार खांसी आ रही है और तीन सप्ताह से अधिक बनी हुई है, तो यह लंग कैंसर का संकेत हो सकता है।
  • यदि खांसी का स्वर बदल रहा है, आवाज भारी लग रही है या खांसी के दौरान दर्द हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
  • लघु कोशिका फेफड़े के कैंसर के लक्षण में यह प्रमुख संकेत माना जाता है।
  • समय के साथ खांसी सूखी से गीली हो सकती है और बलगम में खून के धब्बे दिखाई दे सकते हैं।

4. वजन में अनपेक्षित कमी

  • लंग कैंसर के लक्षण में अचानक वजन घटना एक प्रमुख संकेत हो सकता है।
  • बिना किसी कारण के 4-5 किलोग्राम या उससे अधिक वजन घटने पर सतर्क रहना चाहिए।
  • इस दौरान भूख में भी कमी महसूस हो सकती है, जिससे शरीर कमजोर हो जाता है।
  • फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती चरणों में यह लक्षण आम होता है, लेकिन कई बार इसे सामान्य वजन कम होना समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है।

5. खून आना

  • यदि खांसी के दौरान थूक में खून आए या कभी-कभी नाक से खून निकले, तो यह फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।
  • कभी-कभी बलगम हल्का गुलाबी या जंग के रंग का हो सकता है।
  • यह टीबी और फेफड़ों के कैंसर के बीच का अंतर जानने के लिए जरूरी संकेत हो सकता है, क्योंकि दोनों में समान लक्षण देखे जा सकते हैं।

6. हड्डियों में दर्द (Bone Pain)

  • फेफड़ों के अधिकांश कैंसर हड्डियों में फैल सकते हैं, जिससे मरीज को पीठ, कूल्हों या पसलियों में दर्द महसूस हो सकता है।
  • बांह या कंधे में दर्द होना, जो विशेष रूप से रात में ज्यादा महसूस हो सकता है।
  • लंबे समय तक हड्डियों में कमजोरी या फ्रैक्चर की संभावना बढ़ जाना।

7. लगातार थकावट महसूस होना

  • बिना किसी शारीरिक गतिविधि के भी लगातार कमजोरी और थकान महसूस होना।
  • शरीर में ऑक्सीजन की कमी के कारण सुस्ती और ऊर्जा की कमी।
  • यदि यह लक्षण लंबे समय तक बना रहता है, तो यह फेफड़े के कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकता है।

8. चेहरे और गर्दन में सूजन (Swelling in Face and Neck)

  • यदि फेफड़ों में कैंसर किसी नस पर दबाव डालता है, तो यह चेहरे और गर्दन की सूजन का कारण बन सकता है।
  • कभी-कभी बाहों और ऊपरी शरीर में सूजन भी देखी जाती है।
  • यह स्थितिSuperior Vena Cava Syndrome (SVCS) के कारण हो सकती है, जो फेफड़ों के कैंसर के मरीजों में देखी जाती है।

9. बार-बार निमोनिया या फेफड़ों में संक्रमण (Frequent Lung Infections)

  • फेफड़ों के अधिकांश कैंसर फेफड़ों के अंदर बलगम जमा होने का कारण बनते हैं, जिससे बार-बार निमोनिया और ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • मरीज को बार-बार छाती में जकड़न और सांस लेने में कठिनाई का अनुभव होता है।
  • फेफड़े का कैंसर फेफड़ों के ऊतकों में होने वाला कैंसर है, जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है।

10. त्वचा का पीला या नीला पड़ना (Skin Discoloration - Jaundice or Cyanosis)

  • lung cancer symptoms skin का रंग बदलना एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है।
  • यदि कैंसर लिवर तक फैल गया है, तो त्वचा पीली पड़ सकती है (जॉन्डिस)।
  • ऑक्सीजन की कमी के कारण होंठ और नाखून नीले या बैंगनी रंग के हो सकते हैं।

11. अत्यधिक रात में पसीना आना (Night Sweats)

  • बिना किसी कारण के रात में अत्यधिक पसीना आना।
  • यह शरीर में कैंसर कोशिकाओं के प्रभाव से मेटाबॉलिज्म बदलने के कारण हो सकता है।
  • यह lung cancer symptoms खासकर women में देखा जाता है।

12. धड़कनों का असामान्य हो जाना (Irregular Heartbeat or Palpitations)

  • फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती चरणों में हृदय की धड़कन अनियमित हो सकती है।
  • सांस फूलने के साथ-साथ दिल की धड़कनों का तेज या धीमा हो जाना।
  • हृदय रोग की किसी भी समस्या के बिना यह लक्षण महसूस होना चिंताजनक हो सकता है।

13. मांसपेशियों में कमजोरी (Muscle Weakness)

  • फेफड़ों के कैंसर की लास्ट स्टेज में क्या होता है? इसका जवाब मांसपेशियों की कमजोरी में देखा जा सकता है।
  • हाथों और पैरों में कमजोरी महसूस होना।

14. अंगुलियों और नाखूनों का असामान्य रूप से बढ़ना (Clubbing of Fingers and Nails)

  • lung cancer symptoms in men में देखा गया है कि नाखूनों का आकार असामान्य हो जाता है।
  • उंगलियों के सिरों पर सूजन आ सकती है।
  • नाखूनों का अधिक चमकदार और गोल आकार में बढ़ना।

15. सिरदर्द और चक्कर आना (Headache and Dizziness)

  • यदि फेफड़ों का कैंसर मस्तिष्क में फैलता है, तो यह सिरदर्द और चक्कर आने का कारण बन सकता है।
  • लंबे समय तक सिरदर्द बने रहना, जो आम दर्द निवारक दवाओं से ठीक न हो।
  • शरीर के संतुलन में गड़बड़ी होना और बार-बार मतली या उल्टी आना।

16. आंखों की समस्याएं (Vision Problems)

  • lung cancer symptoms में यह भी देखा जाता है कि मरीज की दृष्टि कमजोर हो सकती है।
  • एक या दोनों आंखों से धुंधला दिखाई देना।
  • यदि कैंसर मस्तिष्क तक फैल जाता है, तो यह दृष्टि हानि का कारण बन सकता है।

व्यवहारिक लक्षण (Behavioral Symptoms)

फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षण सिर्फ शारीरिक नहीं होते, बल्कि यह व्यवहारिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकते हैं। शरीर में हो रहे बदलावों के कारण व्यक्ति के व्यवहार में भी परिवर्तन आ सकता है। lung cancer symptoms को समझना और समय रहते इन लक्षणों को पहचानना महत्वपूर्ण है।

1. आवाज में बदलाव

  • गले में खराश या आवाज भारी होना।
  • लंबे समय तक गले में खराश बनी रहना।

2. निगलने में परेशानी

  • खाना या पानी निगलते समय दर्द या रुकावट महसूस होना।
  • ठोस और तरल पदार्थ निगलने में दिक्कत होना।

3. थकावट और ऊर्जा की कमी

  • फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती चरणों में शरीर लगातार थका हुआ महसूस करता है।
  • मरीज को हल्की गतिविधियों में भी अधिक थकान महसूस हो सकती है।
  • बिना किसी स्पष्ट कारण के कमजोरी और सुस्ती महसूस होना।

4. बार-बार बुखार और संक्रमण

  • फेफड़े का कैंसर फेफड़ों के ऊतकों में होने वाला कैंसर है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर सकता है।
  • मरीज को बार-बार सर्दी, खांसी, निमोनिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
  • छोटी-छोटी बीमारियां लंबे समय तक बनी रहती हैं और आसानी से ठीक नहीं होतीं।

5. मानसिक तनाव और डिप्रेशन

  • फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षण व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकते हैं।
  • लगातार चिंता, अवसाद और बेचैनी महसूस होना।
  • मरीज को हर समय तनाव महसूस होता है, जिससे उसके रोजमर्रा के कार्य भी प्रभावित होते हैं।

6. नींद में समस्या

  • मरीज को रात में अच्छी नींद नहीं आती या बार-बार नींद टूटती है।
  • अधिकतर मरीजों को फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती चरणों में अनिद्रा (Insomnia) की समस्या हो सकती है।
  • थकावट के बावजूद पर्याप्त नींद न मिलना।

7. खाने की आदतों में बदलाव

  • अचानक से लंग कैंसर में खाना को लेकर अरुचि हो सकती है।
  • भूख कम हो जाना या पसंदीदा भोजन भी अच्छा न लगना।
  • अस्वाभाविक खाने की आदतें विकसित हो सकती हैं, जैसे कम खाना या अत्यधिक खाने की इच्छा होना।

8. याददाश्त कमजोर होना और ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत

  • फेफड़ों के कैंसर के कारण मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जिससे व्यक्ति को चीजें भूलने की समस्या हो सकती है।
  • women में यह लक्षण अधिक देखा जाता है, जहां महिलाएं बार-बार चीजें भूल सकती हैं।
  • किसी कार्य पर लंबे समय तक ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो सकता है।

9. लगातार सिरदर्द रहना

  • फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती चरणों में मस्तिष्क में रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है, जिससे सिरदर्द की समस्या बनी रहती है।
  • दर्द कभी-कभी बहुत ज्यादा हो सकता है, जिससे दवाओं का असर भी कम हो जाता है।
  • यह लक्षण फेफड़ों के कैंसर की लास्ट स्टेज में क्या होता है? के दौरान और अधिक गंभीर हो सकता है।

10. सामाजिक गतिविधियों से दूरी बनाना

  • मरीज सामाजिक कार्यक्रमों से दूरी बनाना शुरू कर देता है।
  • अपने परिवार और दोस्तों के साथ बातचीत करने की इच्छा कम हो जाती है।
  • मानसिक तनाव और लगातार थकावट महसूस होना के कारण व्यक्ति अकेलापन महसूस करने लगता है।

11. अचानक से चिड़चिड़ापन और गुस्सा आना

  • मरीज छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने लगता है।
  • परिवार के सदस्यों और दोस्तों के साथ बातचीत करने में भी चिढ़ महसूस होती है।
  • यह लक्षण मानसिक तनाव और फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षण के कारण हो सकता है।

12. सांस फूलने की वजह से घबराहट महसूस होना

  • जब मरीज को बार-बार सांस लेने में कठिनाई महसूस होती है, तो उसके अंदर घबराहट और चिंता बढ़ सकती है।
  • बिना किसी स्पष्ट कारण के बेचैनी और दिल की धड़कन तेज हो जाना।
  • यह लक्षण lung cancer symptoms men में अधिक पाया जाता है।

जोखिम कारक (Risk Factors)

फेफड़ों का कैंसर कैसे होता है? यह सवाल अक्सर उठता है, और इसका जवाब इसके विभिन्न जोखिम कारकों में छिपा है। फेफड़ों के अधिकांश कैंसर कुछ विशिष्ट कारणों से विकसित होते हैं। नीचे lung cancer symptoms (In Hindi)में बताए गए जोखिम कारकों को विस्तार से समझाया गया है।

1. धूम्रपान (Smoking)

फेफड़े का कैंसर का सबसे बड़ा कारण धूम्रपान है।

  • सिगरेट पीना: फेफड़ों के कैंसर के सबसे आम कारणों में से एक है। एक अनुमान के अनुसार, फेफड़ों के 85% मामलों में धूम्रपान की भूमिका होती है।
  • बीड़ी पीना: भारत में बीड़ी पीना आम है, लेकिन इसमें निकोटीन और टार की मात्रा अधिक होती है, जो फेफड़ों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।
  • पैसिव स्मोकिंग: यदि आप धूम्रपान नहीं करते, लेकिन लगातार धूम्रपान करने वालों के संपर्क में रहते हैं, तो आपको भी फेफड़ों के कैंसर का खतरा हो सकता है।

2. पर्यावरणीय जोखिम (Environmental Risks)

लंग कैंसर में यह कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

  • प्रदूषण में अधिक संपर्क: यदि आप अधिक समय तक वायु प्रदूषण के संपर्क में रहते हैं, तो फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती चरणों विकसित होने की संभावना बढ़ सकती है।
  • रेडॉन गैस का संपर्क: रेडॉन गैस, जो स्वाभाविक रूप से मिट्टी और चट्टानों से निकलती है, घरों में रिसाव के कारण फेफड़ों में कैंसर का खतरा बढ़ा सकती है।

3. आनुवंशिकता और पारिवारिक इतिहास (Genetics & Family History)

  • यदि परिवार में किसी को पहले फेफड़े का कैंसर फेफड़ों के ऊतकों में होने वाला कैंसर है, तो यह अगली पीढ़ी को भी प्रभावित कर सकता है।
  • आनुवंशिक म्यूटेशन के कारण कुछ लोगों में फेफड़ों के कैंसर का खतरा अधिक हो सकता है, भले ही वे धूम्रपान न करते हों।

4. फेफड़ों में पुरानी बीमारी (Chronic Lung Diseases)

  • टीबी और फेफड़ों के कैंसर के बीच का अंतर यह है कि टीबी से प्रभावित फेफड़ों में भविष्य में कैंसर विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • यदि किसी को पुरानी फेफड़ों की बीमारी (COPD) है, तो lung cancer symptoms (In Hindi)उसके लिए अधिक गंभीर हो सकते हैं।

5. औद्योगिक और व्यावसायिक जोखिम (Occupational Hazards)

  • एस्बेस्टस (Asbestos) के संपर्क में रहना: औद्योगिक कार्यस्थलों पर यदि कोई एस्बेस्टस के संपर्क में आता है, तो यह फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षण को जन्म दे सकता है।
  • डिजल धुएं और जहरीले रसायनों का संपर्क: यदि आप ऐसे उद्योगों में काम करते हैं जहां कार्बन मोनोऑक्साइड, आर्सेनिक, निकेल, या सिलिका धूल का संपर्क होता है, तो लघु कोशिका फेफड़े के कैंसर के लक्षण विकसित हो सकते हैं।

6. खान-पान और जीवनशैली (Diet & Lifestyle)

  • लंग कैंसर में क्या खाना चाहिए: स्वस्थ आहार नहीं लेने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
  • प्रोसेस्ड फूड और उच्च वसा युक्त भोजन लेने से फेफड़ों में सूजन और कैंसर की संभावना बढ़ सकती है।
  • ताजे फल और सब्जियों का सेवन फेफड़ों के कैंसर की लास्ट स्टेज में क्या होता है? इस खतरे को कम कर सकता है।

7. रेडिएशन और कैंसर थेरेपी (Radiation Exposure)

  • यदि किसी ने पहले किसी अन्य प्रकार के कैंसर के लिए रेडिएशन थेरेपी ली है, तो उसे भविष्य में फेफड़ों के कैंसर का खतरा हो सकता है।
  • अधिक मात्रा में एक्स-रे या सीटी स्कैन के संपर्क में आना भी एक जोखिम कारक हो सकता है।

8. उम्र और लिंग (Age & Gender)

  • lung cancer symptoms in women पुरुषों की तुलना में अलग हो सकते हैं, क्योंकि महिलाओं में कैंसर का विकास धीमा होता है।
  • lung cancer symptoms men में अधिक आक्रामक रूप ले सकता है और जल्दी फैल सकता है।
  • 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में lung cancer symptoms विकसित होने की संभावना अधिक होती है।

फेफड़ों के कैंसर की जांच कैसे होती है? (Diagnosis of Lung Cancer)

1. छाती का एक्स-रे

  • शुरुआती चरण में किसी भी असामान्यता को पहचानने के लिए किया जाता है।

2. सीटी स्कैन

  • फेफड़ों की विस्तृत छवि प्राप्त करने के लिए यह सबसे प्रभावी तरीका है।

3. बायोप्सी

  • कैंसर कोशिकाओं की पुष्टि करने के लिए ऊतक नमूना लिया जाता है।

4. स्टेज निर्धारण

  • यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि कैंसर शरीर में कितना फैल चुका है।

फेफड़ों के कैंसर का उपचार और प्रबंधन (Treatment and Management)

1. सर्जरी

  • यदि कैंसर प्रारंभिक अवस्था में हो, तो ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है।

2. रेडियोथेरेपी

  • कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए उच्च-ऊर्जा किरणों का उपयोग किया जाता है।

3. केमोथेरेपी

  • दवाओं के जरिए कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोका जाता है।

4. लक्षण प्रबंधन

  • दर्द निवारक दवाओं और श्वास में सुधार के उपाय किए जाते हैं।

फेफड़े के कैंसर की लास्ट स्टेज में क्या होता है?

लंग कैंसर में क्या खाना चाहिए? (Diet in Lung Cancer)

  • हरी पत्तेदार सब्जियां और फाइबर युक्त भोजन लें।
  • प्रोसेस्ड फूड और तले हुए भोजन से बचें।
  • अधिक पानी पिएं और पोषण युक्त आहार लें।

टीबी और फेफड़ों के कैंसर के बीच का अंतर

विशेषताटीबीफेफड़ों का कैंसर
कारणबैक्टीरिया संक्रमणअनियंत्रित कोशिका वृद्धि
लक्षणबुखार, रात में पसीना, वजन घटानालगातार खांसी, सांस लेने में कठिनाई
इलाजएंटीबायोटिक्ससर्जरी, कीमोथेरेपी

निष्कर्ष

फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती चरणों में पहचान कर इलाज शुरू कर देना बेहद जरूरी है। यदि फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षण दिखें, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें। धूम्रपान से बचाव और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इस बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है।

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